“7 चिरंजीवी ” हिन्दू पौराणिक ग्रंथों और लोककथाओं में उल्लेखित सात प्राचीन और अमर योगियों को सूचित करता है जो मृत्यु के पश्चात् भी जीवित रहते हैं। ये 7 चिरंजीवी हैं:
- अश्वत्थामा: महाभारत महाकाव्य के अनुसार, अश्वत्थामा भगवान शिव के अवतार माने जाते हैं और उन्हें अमर योगी के रूप में जाना जाता है।
- राजा बलि: राजा बलि भक्त प्रहलाद के वंशज हैं। राजा बलि ने भगवान विष्णु के अवतार वामनदेव को अपना सबकुछ दान कर दिया था। इनकी दानशीलता से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने इनको चिरंजीवी होने का वरदान दिया |
- विभीषण: रामायण के कथानक में, रावण के भाई विभीषण को भी चिरंजीवी के रूप में माना जाता है।
- कृपाचार्य: महाभारत में रणयोद्धा कृपाचार्य को भी चिरंजीवी के रूप में दर्शाया गया है।
- परशुराम: पुराणों में ऋषि परशुराम को भी चिरंजीवी के रूप में माना जाता है।
- महर्षि व्यास: वेदव्यास, महाभारत और पुराणों के रचयिता के रूप में महर्षि व्यास को भी चिरंजीवी माना जाता है।
- हनुमान: भगवान हनुमान, भगवान राम के भक्त और सीता माता का अनुग्रहपूर्ण भक्त, उन्हें भी चिरंजीवी के रूप में माना जाता है।
ये सात चिरंजीवी हिन्दू धर्म में मान्यता प्राप्त हैं और उन्हें अमर और जीवंत माना जाता है, जिनका वर्णन धार्मिक कथाओं और पौराणिक ग्रंथों में किया गया है।